बलात्कार

कब तक आस लगाओगी तुम मरे हुए लोगों से कब तक उम्मीद लगाए बैठोगी मरे हुए लोगों से जो लज्जाहीन पड़े हैं, वो क्या लाज बचाएंगे खौफनाक मंजर को वो क्या महसूस कर पाएंगे दिल दर्द से भर गया, सारी दुनिया शर्मसार हो गई चारों ओर सन्नाटा छाया, इंसानियत आज मर गई सब चिल्लानेवाले आज … Continue reading बलात्कार